Ek Islam
इस्लाम के पाँच स्तंभ कौन-कौन से हैं?
सबसे महत्वपूर्ण इस्लामी अमल हैं इस्लाम के 5 स्तंभ (पांच बुनियादी रुक्न)।
इस्लाम के 5 स्तंभ ये हैं:
1. शहादत (गवाही देना)
2. सलात / नमाज़
3. जकात
4. रोजा
5. हज
🌙 पांच रुक्न-ए-इस्लाम – پانچ رکنِ اسلام
इस्लाम की बुनियाद 5 स्तंभों पर है। हर मुसलमान के लिए इन पर ईमान लाना और इन पर अमल करना फर्ज़ है। ये पांच रुक्न सिर्फ नियम नहीं, बल्कि एक मुसलमान की ज़िंदगी का असल निज़ाम हैं।
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🕋 1. शहादत
“ला इलाहा इल्लल्लाह, मुहम्मदुर रसूलुल्लाह”
(لَا إِلٰہَ إِلَّا اللّٰہُ، مُحَمَّدٌ رَّسُوْلُ اللّٰہِ)
📌 अर्थ: अल्लाह के सिवा कोई माबूद (पूजने योग्य) नहीं है, और मुहम्मद ﷺ अल्लाह के रसूल हैं।
🔸 यह इस्लाम का पहला और सबसे बुनियादी रुक्न है।
🔸 शहादा का मतलब है अल्लाह की वहदानियत (एकता) और रसूल ﷺ की नबूवत पर यक़ीन।
🔸 इस कलमे को दिल से मानना, ज़ुबान से कहना और अमल से साबित करना ज़रूरी है।
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🕌 2. सलात / नमाज़
रोज़ाना 5 वक्त की नमाज़ फर्ज़ है:
1. फज्र (फजर) – सुबह
2. जुहर (ज़ुहर) – दोपहर
3. असर (असर) – देर शाम
4. मग़रिब (मग़रिब) – सूरज ढलने के बाद
5. ईशा (ईशा) – रात
🔸 सलात अल्लाह से राब्ता (कनेक्शन) है।
🔸 नमाज़ इंसान को बुराइयों से रोकती है।
🔸 यह सब्र, शुक्र और तक़वा सिखाती है।
🔸 हर वक्त की नमाज़ का अपना वक्त और फज़ीलत होती है।
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💰 3. जकात
अपने माल का एक छोटा हिस्सा ज़रूरतमंदों को देना।
🔸 हर मुसलमान जिसके पास निसाब के बराबर माल हो, उस पर साल में एक बार 2.5% जकात देना फर्ज़ है।
🔸 यह माल की सफाई है – पवित्रीकरण।
🔸 इसका मकसद है ग़रीबों की मदद करना और माल से मोहब्बत कम करना।
🔸 जकात इंसानियत और बराबरी को बढ़ावा देती है।
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🌙 4. रोज़ा
रमज़ान के महीने में रोज़े रखना फर्ज़ है।
🔸 सेहरी से लेकर इफ्तार तक कुछ खाना-पीना नहीं होता।
🔸 रोज़ा सिर्फ भूख और प्यास से बचना नहीं, बल्कि हर गुनाह से भी बचना होता है।
🔸 रोज़े का असली मकसद है तक़वा हासिल करना।
🔸 यह सब्र, आत्म-नियंत्रण, और अल्लाह से क़ुरबत का कारण बनता है।
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🕋 5. हज
ज़िंदगी में एक बार हज करना फर्ज़ है (अगर इंसान क़ाबिल हो)।
🔸 हज साल में सिर्फ एक बार ज़िल हिज्जा के महीने में किया जाता है।
🔸 हर मुसलमान जिसके पास माली और जिस्मानी क़ुदरत हो, उस पर यह फर्ज़ है।
🔸 हज के अरकान में तवाफ़, सई, अराफा का वक़ूफ़, मिना में क़ियाम और क़ुर्बानी शामिल हैं।
🔸 हज इंसान को बराबरी, सब्र, और अल्लाह की याद दिलाता है।
✅ समाप्ति (निष्कर्ष):
ये 5 रुक्न एक मुसलमान की ज़िंदगी का असल निज़ाम हैं। जो बंदा इन pillars पर ईमान लाता है और अमल करता है, वो सिर्फ एक अच्छा मुसलमान ही नहीं, बल्कि एक अच्छा इंसान भी बनता है।